जाने गन्ने की खेती से क्या क्या फायदा होता है तथा क्या क्या नुकसान होता है गन्ने से पैसे कमाने के 5 तरीके तथा गन्ने की खेती कैसे की जाती है पूरी जानकारी
- गन्ने की खेती
- गन्ने की बुआई का समय
- गन्ने के लिए खेत तैयार करना
- गन्ने बिज का चुनाव
- गन्ने के लिए खाद
- गन्ने की बुआई का तरीका
- गन्ने की सिचाई
- गन्ने की गुड़ाई तथा खरपतवार से नियत्रण
- गन्ने में लगने वाले रोग
- गन्ने की कटाई
- गन्ने की पेड़ी
(Sugar Farming)गन्ने की खेती
हेल्लो दोस्तों गन्ने की खेती एक बहुत ही अच्छी खेती है लेकिन इसमें मेहनत भी उतनी ही जादा लगती है लेकिन इसकी माँग भी बहुत अधिक होती है गन्ने की खेती में मेहनत 3 बार जादा लगती है पहली बार जब गन्ने की बुआई होती है और दूसरी बार जब गन्ने की कोडाई होती है और तीसरी बार जब गन्ने की कटाई होती है | गन्ने की खेती में जादा मेहनत लगना ही इसका नुकसान होता है |
इसका फायदा हम कई प्रकार से उठा सकते है जैसे हमें चाहे तो
(1) रस निकल कर इसमें नीबू बर्फ पुदीना मिला कर इसे 10 रूपये ग्लास 200 ml वाली में बेच सकते है इसकी गन्ना पेरने वाली मसीन भी आ रही है
(2) इसके रस का हम सिरका भी बनाते है
(3) इसके रस को जला (पका) कर हम गुड तथा भेली का भी अच्छा व्यापार कर सकते है
(4) हम चाहे तो गन्ने को मिल में बेच कर भी अच्छा पैसा कमा सकते है मिल में इसके रस का कई प्रकार से इस्तमाल किया जाता है जैसे चीनी बनाने में तथा इसके माहिया का खाद बनाई जाती है और भी कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है |
(5) गन्ने को हम बिज के लिए भी बेच सकते है
गन्ने की फसल की बुआई का समय(Ganne ki fasal ki buai ka samay)
हमारे यहाँ गन्ने की बुआई का उचित समय फरवरी से मार्च होता है क्युकी इस समय में गन्ने की आख मजबूत हो जाती है और मौसम भी सही रहता है उगने के लिये |
गन्ने के लिए खेत तैयार करना
हमें गन्ने के लिए अपने खेत में अच्छी नमी रखना अति आवश्यक है जिससे खेत की जुताई अच्छी प्रकार हो सकेगी हमें खेत को 2 से 3 बार अच्छी गहरी जुताई करवाए तथा खेत में हेगा लगाकर समतल भी करते रहे इसके बाद खेत को रोटावेटर से जोतवाकर समतल करे इससे खेत की नमी भी बरक़रार रहेगी और नाली बनाने में आसानी होगी |
खेत में गन्ना बोने के लिए हमें हमारे खेत में गहरी नाली बनानी पड़ती है जिसमें गन्ने की बुआई होती है अगर खेत कम हो तो आप फावड़े से नाली बना सकते है अगर गन्ना सामान्य है तो नाली से नाली की दुरी 1.5 से 2 फुट हो अगर गन्ना अरली बराइटी का है तो नाली की दुरी 2 से 3 फुट या उससे भी जादा हो सकती है | अगर खेत जादा हो तो आप ट्रेक्टर से नाली बनवा सकते है अगर खेत की मिटटी भुरभुरी हो तो नाली सही बनती है |
गन्ने बिज का चुनाव
गन्ने पहले वही बोना चाहिए जो हमारे आस पास बोवा जा रहा हो जिसे हम सामान्य गन्ना कहते है क्युकी गन्ने की बहुत ब्राइटी होती है हमें गन्ना वही बोना चाहिए जो रोग रहित हो जिसको चूहे कम काटे |
अगर आप अरली ब्राइटी का गन्ना बोना चाहते है तो आधार कार्ड लेकर आप अपने पास की मिल पे जाये वहा अरली ब्राइटी का गन्ना मिलता है इसकी पैदावार जादा होती है तथा इसमें रस भी जादा होता है और गुड भी जादा होता है तथा यह कम समय में तैयार भी हो जाता है और इसकी माँग भी जादा होती है लेकिन इसे चूहे भी जादा पसंद करते है इसलिए इसे चूहों से जादा बचाना पड़ता है |
गन्ने के लिए खाद
हमें गन्ने के लिए हमें डाई, जैविक तथा गोबर की खाद या गोबर की कम्पोस्ट खाद का इस्तमाल करे | जब गन्ने की बुआई हो तब उसके नालियों में डाई जैविक का मिश्रड छिडक दे उसके बाद उसी नाली में गन्ना बोने के बाद गन्ने को मिटटी तथा खाद से तोप दे |
गन्ने की बुआई का तरीका
पन्ने की बुआई के लिए हमें गन्ने की सुखी पत्तियो को छिल के गन्ने को 3 से 4 आख छोड़ के छोटे छोटे टुकड़ो में काट देना चाहिए जिससे हमें बुआई करते समय कोई दिक्कत न हो और किट का असर हो तो सभी में न हो | हमें कटे टुकड़े को बोने के लिए हमारे खेत में जो नाली होती है उसमे कुदाल से घुच्ची मर कर इस प्रकार बोये की एक टुकड़े से दुसरे टुकड़े के बिच 1 से 2 इंच की ही दुरी बचे और गन्ने को पैर से दबाते चले उसके बाद उसके ऊपर मिटटी गिरा कर तोप दे |
गन्ने की सिचाई
गन्ना बोने के बाद हमें 1 से 2 दिन में पेंटा मैथलिन नामक दवा का छिडकाव कर उसे पानी से हलकी सिचाई कर दे इसके बाद हमें समय समय पर पानी भरते रहना चाहिए आप देखे की गन्ने का खेत सुख गया है तो पानी भर दे |
गन्ने की गुड़ाई तथा खरपतवार से नियत्रण
हमें गन्ने को पहले पानी के बाद जब खेत गोड़ने योग्य हो जाये तो उसके नाली में गन्ने के दोनों साइड सम्हाल कर हल्का हल्का कुदाल से गोड देना चाहिए और उसके बाद मिटटी फोड़ कर उसे समतल कर देना चाहिए जिससे मिटटी की नमी बरक़रार रहेगी और गन्ना की आंख आसानी से निकल कर बाहर आ जाएगी और उसके कुछ दिन बाद पानी भर दे |
जब हमारा गन्ना सभी निकल कर बड़ा हो जायेगा तो हम मेड को गोड कर समतल कर दे जिससे पेड़ के जड़ पे कुछ मिटटी चढ़ जाएगी उससे उसका विकास तेजी से होगा और खरपतवार भी ख़तम हो जायेगा और जब गन्ने का पेड़ कुछ बड़ा हो जाये लगभग 3 से 4 फुट का तब जहा मेड थी उसकी मिटटी उठा के गन्ने की जड़ पे चढ़ा देते है जिससे गन्ना गिरता नहीं है और खरपतवार भी ख़त्म हो जाता है उसके बाद 1 से 2 दिन में पेंटा मैथलिन दवा मर कर पानी भर दे जिससे खर पतवार नहीं उगेगा |
गन्ने में लगने वाले रोग
हम जानते गन्ने में अनेक प्रकार के रोग लगते है जैसे गन्ने की जड़ो में देवका नामक किट तथा टाडा का लगना जो जडो को खोखली कर देते है और गन्ना कमजोर होकर सुख जाता है गन्ने में ढोला लगना जिससे गन्ने में सडन हो जाती है और गन्ने का विकास रुक जाता है ढोल तथा अन्य सभी चीजो की सबसे अच्छी दवा कोराजेन है तथा इसी को डेवलप कर के फटेरा आ गई है जो गन्ने के लिए सबसे सही है इसका असर लगभग 6 महीने तक रहता है जब गन्ना कोड़ा जाये और पानी भरना हो तब ही इसको छिड़क दिया जाता है |
गन्ने की कटाई
हमें गन्ने को जमीन के हल्का ऊपर से काटा जाता है गन्ने को काटते समय अगर पोइठी (कल्ला) निकल रहा है तो उसे छोड़ देना चाहिए जिससे गन्ने की जड़ नहीं सुखती और नये कल्ले भी आते है |
गन्ने की पेड़ी
गन्ना काटने के बाद हमें हमारे खेत में पानी भर दे और खेत में यूरिया और जैविक खाद छिड़क दे उसके बाद हमें खेत में गन्ने की पट्टी को बिछा देना चाहिए जिससे खेत में खरपतवार नहीं उगते है और जब गन्ना कुछ बड़ा हो जाये तब उसमे फटेरा का छिडकाव कर देना चाहिए जिससे उसमें कोई रोग नहीं लगता |
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