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जानिए अर्जुन की कितनी पत्नियां थी तथा अर्जुन के कितने पुत्र थे

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हेल्लो दोस्तों आज हम आपको अर्जुन और उनके पत्नियों के बारे में बतायगे की कैसे अर्जुन की सादी उनकी पत्नियों के साथ हुई और उनके कितने पुत्र हुए |

अर्जुन की कितनी पत्नियां थी तथा अर्जुन की पत्नियों का क्या नाम था?

दोस्तों अर्जुन के कुल चार विवाह किए थे। उनकी प्रथम पत्नी सर्वविदित द्रौपदी थी। ( अर्जुन की पहली पत्नी द्रोपदी थी। ) दुसरा विवाह श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा से किया।( अर्जुन की दूसरी पत्नी सुभद्रा थी। )अपने 12 वर्ष के वनवास के दौरान, उन्होंने नागकन्या उलूपी से विवाह किया। ( अर्जुन की तीसरी पत्नी उलूपी थी ) उन्होंने चौथा विवाह मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा से किया ( अर्जुन की चौथी पत्नी चित्रगंधा थी )

अर्जुन और द्रौपदी की विवाह कैसे हुई?

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मैं राजा द्रुपद, इस स्वयंवर में आप सभी मेहमानों का स्वागत करता है। मैं इस बात से पूरी तरह परिचित हूं कि आप सभी यहां मेरी पुत्री द्रौपदी से विवाह करने आए हैं, लेकिन इस स्वयंवर की एक शर्त है। आप सभी को सभा के बीचों-बीच एक स्तंभ पर गोल घूमती हुई नकली मछली लटकती दिख रही होगी। उस मछली के ठीक नीचे, धरती पर एक तेल का पात्र रखा है, जिसमें उस मछली का प्रतिबिंब दिख रहा है।

स्वयंवर की शर्त यह है कि जो भी धनुर्धारी प्रतिबिंब में देखकर, मछली की आंख पर निशाना लगा देगा, वह इस स्वयंवर का विजेता होगा और उसी से द्रौपदी का विवाह होगा।”राजा द्रुपद की यह बात सुन कर, सभी राजा बारी-बारी आकर, मछली पर निशाना साधने का प्रयास करने लगे लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया। असफल व्यक्तियों में शिशुपाल, दुशासन, दुर्योधन और अन्य कौरवों का भी नाम शामिल था।

अंत में पांडवों की बारी आई। उनकी ओर से अर्जुन ने मछली की आंख पर निशाना लगाने के लिए धनुष उठाया और एक ही बार में तीर निशाने पर लगा दिया। यह देखकर सब आश्चर्यचकित हो गए कि एक ब्राह्मण ने इतना सटीक निशाना लगा दिया।इसके बाद अपने पिता की आज्ञा से द्रौपदी आगे बढ़ी और अर्जुन के गले में वरमाल डाल दी और दोनों का विवाह संपन्न हुआ। और कुछ महीनो के बाद सुभद्रा गर्भ में आई। और उनके पुत्र का नाम श्रुतकर्मा रखा गया।

सुभद्रा‌ और अर्जुन की शादी कैसे हूई

सुभद्रा भगवान कृष्ण तथा बलराम की बहन थी जिसे कृष्ण के कहने पर अर्जुन द्वारिका से भगा ले गए थे। सुभद्रा से इनका अभिमन्यु नामक पुत्र हुआ जो कुरुक्षेत्र युद्ध में मारा गया। इसके दोनों पुत्र वीरगति को प्राप्त हुए। अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित ने इनका वंश आगे बढ़ाया।

अर्जुन और उलूपी का विवाह कैसे हुआ

इसके बाद पाण्डवों ने आपस में यह नियम बनाया कि किसी एक पाण्डव के साथ द्रौपदी के रहने पर अन्य कोई पाण्डव उस कक्ष में नहीं जाएगा और यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करेगा तो वह बारह वर्ष तक वनवास करके इसका प्रायश्चित करेगा। किसी समय अर्जुन को अपना धनुष लेने के लिए द्रौपदी के कक्ष में उस समय जाना पड़ा जब युधिष्ठिर उसके साथ थे।

इसे नियम का उल्लंघन मानकर अर्जुन युधिष्ठिर के मना करने पर भी वनवास के लिए निकल गये। इस वनवास के दौरान अर्जुन ने पहले नागकन्या उलुपी से विवाह किया था। और कुछ दिनों के बाद अर्जुन की पत्नी उलपी विधवा हो गई । उनके एक पुत्र का नाम इरावन था।

अर्जुन और चित्रांगदा का विवाह

अर्जुन की चार पत्नियों में से एक महत्वपूर्ण पत्नी थी। अर्जुन की सबसे लोकप्रिय पत्नी में से एक थी। वह मणिपुर नरेश चित्रवाहन की एकमात्र पुत्री थी जो विवाह के पश्चात् मणिपुर में ही रुक गई थी। चित्रांगदा के गर्भ से अर्जुन को एक तेजस्वी पुत्र बब्रुवाहन नामक एक तेजस्वी पुत्र प्राप्त हुआ था |

ऐसा कहा जाता है कि बब्रुवाहन ने अपने पिता अर्जुन और अपने बड़े भाई श्रुतकर्मा का वध किया था किंतु भगवान श्रीकृष्ण ने जब उसे बताया कि वह अर्जुन का पुत्र और श्रुतकर्मा का भाई है तो वह नागलोक से अपनी विमाता उलूपी से नागमणि लेकर आया और अपने पिता अर्जुन और अग्रज श्रुतकर्मा को जीवित करवाया।

अर्जुन के कुल कितने पुत्र थे और उनके पुत्रो का क्या नाम था |

अर्जुन के कुल चार पुत्र थे –

अर्जुन और द्रौपदी का पुत्रश्रुतकर्मा
सुभद्रा‌ और अर्जुन का पुत्रअभिमन्यु
अर्जुन और उलूपी का पुत्रइरावन
अर्जुन और चित्रांगदा का पुत्रबब्रुवाहन

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