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Lauki ki kheti kaise karen ।। लौकी की खेती से कमाएं 3 से 4 लाख रुपए

lauki ki kheti kaise karen हम आपको पूरी जानकारी देंगे की एक अच्छा किसान कैसे लौकी की खेती करे और कब करे तथा हम आपको सिर्फ लिखी बाते नही बताएंगे कैसे हमने lauki ki kheti कर के 2 से 4 लाख रुपए कमाए हैं lauki ki kheti kaise karen पूरी जानकारी देंगे।

Lauki Ki Kheti Kaise Karen

लौकी की खेती एक बहुत ही अच्छी खेती है इसमें आपको कम मेहनत में ज्यादा फायदा होता है हमने लौकी की खेती कर 1 बीघे में कम से कम 3 से 4 लाख आराम से कमा लिया था आप तभी इतने पैसे कमा सकते है जब मंडी में लौकी 20 रुपए kg तक बिक जाती है तो।

हल्लो दोस्तो मैं आपको लौकी की खेती की बिलकुल नार्मल विधि बताऊंगा जो किसान अपने खेतों में कर के अच्छा मुनाफा कमाते है क्युकी खेती करना और पढ़ने में बहुत फर्क होता है पर मैं आपको लौकी की खेती का बिलकुल सही तरीका बता रहा हूं।

लौकी की खेती कब करे(lauki ki kheti)

अगर हम गर्मी में लौकी की खेती कर रहे है तो उसकी बुआई हमे जनवरी के अंत में या फरवरी के शुरुआत कर देनी चाहिए जिससे आप अगेती खेती का फायदा उठा सकते हैं और तब तक ठंडी भी कुछ कम हो गई रहती है जिससे बीज जल्दी उग जाता है क्युकी लौकी के बीज को उगने के लिए थोड़ा गर्म मौसम चाहिए होता है।

अगर आप बरसाती लौकी की खेती करना चाहते है तो आप इसकी बुआई जून या जुलाई में कर दे जिससे बरसात सुरू होने तक आपकी लौकी का पौधा तैयार हो जाएगा।

लौकी के बीज का चुनाव(lauki ki kheti)

हमें लौकी की खेती के लिए हमे हाइब्रिड बीज का ही चुनाव करना चाहिए हमें मंडी के पास किसी अच्छे दुकानदार से बीज खरीदना चाहिए तथा हमें दो किस्म के बीज खरीदना चाहिए

जिसे दुकानदार अच्छा बोले क्युकी हर जगह अलग अलग प्रकार के बीज बिकते है और दुकानदार से अच्छा कोई नही जानता की कौन सा बीज अच्छा है। तो आप अच्छे दुकानदार के यहां से बीज खरीदे जो भरोसे के काबिल हो।

BNR कंपनी का लौकी और नेनुआ बहुत अच्छा होता है।

लौकी के लिए खेत(lauki ki kheti)

lauki ki kheti kaise karen हम आपको पूरी जानकारी देंगे की एक अच्छा किसान कैसे लौकी की खेती करे और कब करे तथा हम आपको सिर्फ लिखी बाते नही बताएंगे कैसे हमने lauki ki kheti कर के 2 से 4 लाख रुपए कमाए हैं lauki ki kheti kaise karen पूरी जानकारी देंगे।

हमें लौकी बोने से पहले ये देखना चाहिए की हम जो खेत तैयार कर रहे हैं उसमे ज्यादा मोथा तो नही है अगर है तो आप excel Mera 71 नामक घास मारने का छिड़काव कर खेत के मोथे को सुखा दे उसके बाद ही खेत की जुताई करें

खेत की जुताई कर हमे खेत को कुछ दिनों के लिए छोड़ देना चाहिए जिससे आपके खेत की सभी घासे सुख जायेगी और खेत के कीटाणु भी मर जायेंगे हमे 1 से 2 बार नौहरे से जुताई करने के बाद हमे रोटावेटर से एक बार जूताई कर दे या आप नौहारे से जुटवाने के बाद भी छोड़ सकते है क्युकी रोटावेटर से सभी केंचुए मारे जाते हैं।

हमें खेत की जुताई के बाद जहां पर हम बीज की बुआई की नाली बनाते है वही हमे गोबर की खाद या वर्मिय कम्पोस्ट खाद का अच्छी तरह छिड़काव कर के उसको एक बार कोड (खभर) के उसके बाद वहां नाली बना कर बुआई करें

जिससे आपके खेत की नमी बरकरार रहेगी और खेत की मिट्टी भी हल्की रहेगी तथा खेत में कोई भी रसायनिक खाद सुरात में नही डालनी पड़ेगी।

लौकी की बुआई(lauki ki kheti)

दोस्तो लौकी की बुआई बरसात के लिए अलग तथा गर्मी ले लिया अलग की जाती है।

हम अगर बरसाती लौकी की खेती करना चाहते है तो उसके खेत की क्यारी की चौड़ाई लगभग 10 से 12 फिट रखते है तथा बीज से बीज की दूरी लगभग 1 से 1.5 फिट रखते है जिससे अगर पेड़ खराब भी हो जाते तो भी बगल वाला पेड़ कवर कर लेगा।

अगर आपके यह बारिश ज्यादा होती है या आपके यह बलुई मिट्टी जीटी उईनही है तो आपको बरसती लौकी के पौधे को टेने पर चढ़ना चाहिए जिससे बारिश में पौधा गले ना तथा पौधे के जड़ के पास मिट्टी चढ़ा कर मेड़ बना देना चाहिए।

हम अगर गर्मी की लौकी की बुआई कर रहे हैं तो हमे लगभग 8 से 10 फिट की क्यारी बनाते है क्युकी गर्मी में पौधे की लता कम बढ़ती हैं तथा नाली में पौधे से पौधे की दूरी लगभग 1 फिट रहेगी।

हमे गर्मी लौकी के पौधे को नाली बना कर उसमे घुच्ची मार कर बोना है।

लौकी में पानी की सिंचाई(lauki ki kheti)

हमे लौकी के नाली में ही पानी का भरना चाहिए जिससे हमारा पानी भी कम लगेगा

अगर आप खाली जगह पर पालक या मूली की बुआई किए है जो की बिलकुल कम समय की फसल होती है उसकी सिंचाई भी आप कर सकते हैं हमे सिंचाई समय समय पर करती रहनी चाहिए जरूरत के अनुसार।

लौकी के खेत की निराई गुड़ाई(lauki ki kheti)

लौकी का पौधा जब तैयार हो जाता है तो आप पेड़ के पास कुदाल से कूड़ाई कर दे और जो खेत खाली है उसमे का गावा बटोर के खाली खेत को ट्रेक्टर से जुताई करा दे। जिससे खेत की घास खत्म हो जाएगी उसके बाद आप लौकी के गावा को फैला दे और फिर पानी भर दें।

बरसात में आपको बिलकुल कम पानी देना पड़ेगा बस आपको घास और लौकी के गावे पर ध्यान देना होगा।

लौकी में लगने वाले रोग(lauki ki kheti)

लौकी में अनेकों प्रकार के रोग लगते है जैसे

कुंडझा वाला रोग जिसमे लौकी का पेड़ सिकुड़ाने लगता है और उसके फल पर अनेकों फोड़े जैसे बन जाते हैं जिससे लौकी की डिमांड मार्केट में कम हो जाती है यह रोग अगर पेड़ पे लग जाए तो इसकी कोई दवा नहीं होती है।

उकठा एक ऐसा रोग है जिसमे कोई भी पेड़ हो सुख जाता है यह ज्यादा तर उन खेतो में लगता है जिस खेत की ज्यादा नामी रहे और उसे जोत कर उसमे बीज बो दिया जाता है। जिससे जब पौधा छोटा छोटा ही रहता है तभी वह सुखाने लगता है । इस रोज की दवा है पर मेहनत ज्यादा है

लाल मकड़ी जिसकी वजह से लौकी की पत्तियां पीली पड़ने लगती है और झड़ जाती हैं लाल मकड़ी बहुत ज्यादा छोटी होती हैं इसको आप देख सकते हैं लेकिन बहुत ध्यान से। (धनुका का ओमाईट) नामक दवा लाल मकड़ी के लिए बेहतरीन दवा है।

ढोला भी लगते है लौकी के खेत में जो लौकी के फल को नुकसान कर देते हैं।

आपको सभी प्रकार की दवा बीज भंडार पर आसानी से मिल जायेगी।

मचान विधि से लौकी की खेती(lauki ki kheti)

Nots अगर आप टेना या मचान विधि से लौकी की बुआई करना चाहते है तो आगे पढ़े

मचान पर लौकी बोन के लिए आपको पहले लौकी को बो देना है और जब लौकी का गावा बढ़ने लगे तब आपको मचान लगाना है इसके लिए आपको बास की जरूरत पड़ेगी

हमें 8 फिट ऊंचा बास काट कर उसे लौकी की नाली में लगभग 10 फिट की दूरियों पर गाड़ देना है पर उसके बाद आपको तार की मदद से लाइन बाई लाइन तारो से बांध कर उसे जमीन में खुटा गाड़ कर उसमे बांध देना है

इसी प्रकार आपको सभी बसों में बांध देना हैऔर फिर आपको तर को एक कोने से दूसरे कोई तक लेकर जाना है जिससे आपका टेना 2 से 3 सालो तक चलेगा और फिर आपको नरकुल (नारियल ) की रस्सी से बीच बीच में गूथ देना है जिससे आपके टेने पर लौकी या कोई भी चीज आराम से टिक जायेगी।

हमे खूटा सभी किनारे पर सभी बांस के नीचे चाहिए जिससे टेना का बैलेंस बना रहेगा और वो ज्यादा दिन तक चलेगा।

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